आओ कुछ अच्छा करते हैं ..........
आओ, कुछ अच्छा करते हैं, निजी स्वार्थों के लिए दिलों को तोड़ते हैं
चेहरे पर मुस्कान, दिल में गरल भरते हैं।दोस्ती के नाम पर दोस्तों का ही चरित्र हनन करते हैं।
आओ कुछ अच्छा करते हैं ...........
सौदेबाजी,धोखेबाजी,विश्वासघात करते हैं। किसी का बनता हुआ काम दोजख करते हैं। मतलब साधने के लिए सिद्धांत से समझौता करते हैं। एक बार
मौकापरस्ती को भी अपना कर देखते हैं।
आओ कुछ अच्छा करते हैं ...........
प्रमाणिकता के बदले चाटुकारिता को प्रश्रय देते है,बेईमानी के काम को ईमानदारी से करते है , बात फस जाएं तो गदहे को भी बाप कहते है
आओ कुछ अच्छा करते हैं ...........
उलटे को उल्टा,सीधे को भी उल्टा करते हैं,मातहतो को लात मार घुटनों के बल करते हैं,स्वय में आदमी वाला कुत्तापन और गधापन भरते हैं|
दुम हिला अग्र पृष्ठ चाट अपना उल्लू सीधा करते हैं |
आओ कुछ अच्छा करते हैं ...........
ग़रीबों और किसानो संवेदना की बात करते हैं,पंचतारा विलासिता में रहकर हाले रूदन करते हैं,संगत में इक्कठो से वाहवाही हम लूटते हैं,गाहे वगाहे मसीहा बनकर इधर उधर घूमते हैं|
आओ कुछ अच्छा करते हैं ...........
चोरी से चकारी से घर खलिहान भरतें हैं,अपनी पद प्रतिष्ठा का कुछ दम्भ भी भरते हैं , स्वेक्छाचारण से अँट शन्ट सब करते हैं,लुटे जरुरतमंदो को पूरी तरह बर्बाद करते हैं|
आओ कुछ अच्छा करते हैं ...........
आश्रित माता पिता को बृद्धाश्रम छोड़ते हैं,रिश्ते नाते छोड़ घर जमीन अरजते हैं,बिलकुल तय कर नैतिक मूल्यों से हाथ धो लेते हैं |
आओ कुछ अच्छा करते हैं ...........
महत्वकांछाओ के पर लगाकर उड़ते हैं,इसी बहाने बेसहारो को फांसी पर लटकाते हैं,झूठ फरेब वंचना और चुपड़ी बातो को जीवन का आधार बनाते हैं,कुछ ऊपर तो कुछ नीचे से कमाते हैं|
आओ कुछ अच्छा करते हैं ...........